रावन और राम का अस्तित्व तो हार युग में रहा है , रावन की हार और राम की जीत ह़र युग में हुई, क्यों की सच पराजित हो सकता है हार नहीं सकता , झूठ जीत सकता है पर विजेता नहीं हो सकता |
आज सिर्फ अप्रैल -फूल मानाने की क्या जरुरत ?? सच्चे के जीवन का ह़र दिन अप्रैल फूल होता है , पहले तो वो अनजाने में बनता है ,फिर एक दिन उसको पता चलता है कि ,अब सब जानता है, फिर भी वो बनता है.क्यूकि वही उसका व्यक्तित्व होता है